1893 में दी गई विवेकानद की स्पीच का लाइव वीडियो
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"क्या कभी सुना है किसी ने की किसी भाषण के दिवस को सेलिब्रेट किया जाता है? हालही में हमने विवेकानंद के शिकांगो में दिए गए भाषण के लिए उस दिन को याद किया है न गर्व की बात?"
"0" के टॉपिक पर क्या कुछ ऐसा बोला जा सकता है की लोग कुछ मिनटों के लिए नहीं बल्कि घंटो या दिन रात बैठे रहे? ये ही तो है अध्यात्म की ताकत जो आत्मा को आकर्षित करती है, आत्मा अध्यात्म से कभी भी तृप्त नहीं होती है! 

विश्व धर्म सम्मलेन में स्वामी विवेकानंद ने कुछ ऐसा ही भाषण दिया था जो की 125 साल बीत जाने पर आज भी जिवंत है, कई फिल्मे भी बनी लेकिन असली आनंद का चित्रण नहीं हो पाया.

फिर भी लोगो ने प्रयास किया क्योंकि निर्गुण से सगुन सुलभ होता है समझने में, ऐसे ही एक प्रयास का वीडियो इस अवसर पर खूब शेयर हो रहा था आप भी देखिये ये वीडियो और महसूस कीजिये और ऐतिहासिक पल को... 
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