शोले में कैसे हुआ था गब्बर का अंत, ले गई थी पुलिस या ठाकुर ने मार दिया था जान से! देखे डिलीट किया गया क्लाइमेक्स...
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"हाल ही में फ़िल्म के डायरेक्टर रमेश सिप्पी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए गए अपने इंटरव्यू में कहा कि 'हमने फ़िल्म का एन्ड भी शूट कर लिया था, पर सेंसर बोर्ड का मानना था कि जब ठाकुर के हाथ ही नहीं है, तो वो कैसे गब्बर को मार सकता है?"
शलय फिल्म आने दर्जनों बार देखि होगी, बार बार देखते जाओ लेकिन फिल्म से दिल नहीं भरता है. रमेश सिप्पी की ये फिल्म भारत की सर्वकालीन हिट फिल्म रही है, हालाँकि कमाई के मामले में अब बाहुबली ने शोले को पीछे छोड़ दिया है लेकिन फिल्म 4 सालो तक परदे से नहीं उत्तरी थी ये ही फिल्म की महानता है.

फिल्म के डायलॉग उनके स्टार्स उनकी मिमिक्री जैसे हमारे आम जीवन का हिस्सा बन गया है और हम शोले से ही जुड़ गए है. फिल्म में ईमानदार अफसर ढाकूर का गब्बर क्या हाल करता है और ठाकुर के लाये दो कैदी कैसे उसके बदले में मददगार बनते है ऐसा ही कुछ ताना बाना है फिल्म का.

लेकिन क्या आप जानते है की आप फिल्म का जो क्लाइमेक्स देखते आये है वो असल में असली नहीं है, फिल्म के क्लाइमेक्स में पुलिस फिर से ठाकुर को पकड़ के ले जाती है मतलब गब्बर मरता नहीं है और ठाकुर का बदला पूरा नहीं होता है. लेकिन असल फिल्म में ऐसा नहीं था, ठाकुर ही बब्बर को मारता है और ऐसे होता है अंत.

लेकिन सेंसर बोर्ड के चलते ऐसा नहीं दिखाया जा सका था मजबूरन डायरेक्टर को सीन डिलीट कर के बदलना पड़ा था. देखिए शोले का वो ही क्लाइमेक्स सीन जिसमे ठाकुर मार देता है गब्बर को..
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