पिता सूरत में स्माल फाइनेंस का काम करते थे, काम नहीं चल रहा था तो वड़ोदरा शिफ्ट हो गया, वंहा उन्हें हार्ट अटैक का झटका लगा तो काम चौपट हो गया! लेकिन फिर भी पिता ने अपनी जिम्मेदारियों का बोझ बच्चो पर नहीं डाला और उन्हें वो करने दिया जिसमे उनकी रूचि थी!
दो बच्चे थे दोनों का क्रिकेट में रुझान था तो दोनों को ही वड़ोदरा की क्रिकेट अकादमी में भेजा, हालाँकि फीस देने के बाद कुछ नहीं बचता था! फिर भी कैसे परिस्तिथियों में ये खिलाडी पनपा स्वाभिमान से समझौता नहीं किया और आज दौलत और शोहरत कदमो में है!
आप समझ ही गए होंगे कौन है वो खिलाडी...
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