पांच पुत्र जिन्होंने अभी दुनिया भी नहीं देखि थी क्रोध से आतुर अश्वत्थामा द्व्रारा मार दिए गए थे, जब द्रौपदी को ये बात मालूम हुई तो वो क्रोध और दुःख से मूर्छित हो गई! जब जागी तो बदले की आग में तिलमिला उठी और युधिस्ठर से अश्वथामा से बदला लेने के लिए कहा!
अश्वत्थामा ब्राह्मण और गुरु पुत्र भी था ऐसे में वो कुछ संकोच में पड़ गए थे ये देख कर द्रौपदी उसी क्षण आमरण अनशन पर बैठ गई, तब श्रीकृष्ण ने पांडवो से कहा की उसका क्रोध उचित है उसे शांत करो और अपनी पत्नी के प्राणो की रक्षा करो! जाने ऐसे में फिर कैसे भी द्रौपदी की जान???
Next Slide में पढ़ें: भीम अकेला नहीं निकल पड़ा मौत के मुंह में.....