महाभारत के युद्ध में जब तक (दसवे दिन तक) भीष्म पितामह सेनापति थे कौरवो को कोई ख़ास हानि नहीं हुई थी, उनके बाद द्रोणाचार्य सेनापति बने और तब से विनाश आरम्भ हो गया! युधिस्ठर को द्रोण ने अपनी मौत का उपाय बताया था, सब को यही पता है की द्रुपद पुत्र धृसतध्रुमय ने द्रोण को मारा लेकिन ये बात सही नहीं है!
महाभारत कथा में आज जाने द्रोणाचार्य के मौत का रहस्य, हालाँकि कौरवो ने यही समझा के द्रुपद पुत्र ने ही उन्हें मारा लेकिन सत्य बेहद विचित्र है! पाण्डु पुत्र भीम ने अपनी ही सेना में अश्वत्थामा नाम के एक हाथी को मार के ये ही बात द्रोण को कही लेकिन उन्होंने उसका विश्वास नहीं किया!
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