द्रुत क्रीड़ा में श्री कृष्ण और विदुर के प्रयासों से द्रौपदी की इज्जत बच गई थी, अन्यथा महाभारत की कहानी कुछ और होती, लेकिन वनवास के दौरान भी द्रौपदी के साथ कई बार बलप्रयोग हुआ था! जयद्रत द्वारा द्रौपदी के हरण की कहानी तो आपने सुन ही रखी होगी लेकिन विराट पर्व में तो कथा और भी वीभत्स थी!
विराट पर्व में पांडव मतस्य नगर के राजा विराट के यंहा रुके थे, तब विराट के सेनापति ने जो की उनका रिश्ते में साला था ने द्रौपदी का घोर अपमान किया था! भरी सभा में उसने द्रौपदी को लातो से मारा था तब द्रोपदी को खून की उल्टिया होने लगी थी, ऐसे में कीचक की मौत तो तय हो गई थी लेकिन.....
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