कई महिलाये, कम्युनिस्ट और नास्तिक लोग पांडवो की विशेषरूप से धर्मराज युधिष्ठिर की इस बात पे आलोचना करते है की उन्होंने अपनी पत्नी को ही जुए में दांव पे लगा दिया था! लेकिन अगर किसी ने महाभारत पढ़ ली तो उसका दिमाग ठिकाने आ जायेगा, क्योंकि असल में पांडवो ने द्रौपदी को जुए में हारा ही नहीं था!
ये जानके शायद आप चौंक गए होंगे लेकिन असल में हक़ीक़त इससे भी अधिक चौंकाने वाली है, धर्म को लोगो ने जानना बंद कर दिया इसलिए अफवाहे ही बाजार में उड़ रही है (बहुत सी)! वेदव्यास कृत (गीता प्रेस) महाभारत के आदिपर्व में है इस घटना का जिक्र!
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