तब दुर्योधन (कौरवो)को मरने के लिए छोड़, युद्ध से पीठ दिखाकर भाग गया था कर्ण...

"महाभारत की महिमा जितनी गए जाए उतनी कम है, इसे लिखने वाले व्यास जी ने भी खुद कहा की 4 वेद एक तरह और महाभारत एक तरफ, जाने इसके रहस्यमयि वृतांत जो अपने पहले न जाने"


महिमा मण्डन करने में मीडिया और भारतीय टीवी का कोई जवाब ही नहीं है, ऐसे चने के झाड़ पर चढ़ाएंगे के मानो उनके द्वारा बताये गए पात्र से कोई बढ़कर ही नहीं है! ये हम महावीर शूरवीर दानवीर कर्ण के विषय में बता रहे है, जिसे टीवी में नायक बता कर पेश किया जा रहा है असल में वो भगौड़ा था!

जी हाँ सूर्य पुत्र कर्ण भीरु था, अपने जिस मित्र ने उसे अंगदेश का राज्य दिया अपनी पत्नी के साथ चौपड़ खेलने पर भी विश्वास किया उसी दुर्योधन के जब जान पर बन आई तो कर्ण मैदान छोड़ कर भाग गया था! ये हमारी निजी राय नहीं बल्कि वेद व्यास कृत महाभारत ही कह रही है!

Next Slide में पढ़ें: गन्धर्वो से शुरू हो गया था कौरवो का युद्ध ऐसे में....
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