History : जब इंदिरा गाँधी को रिहा करवाने के लिए कांग्रेस ने कर लिया था प्लेन हाईजैक....

"आपातकाल दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर पर एक काला धब्बा है जिसमे मानवाधिकारों को तार तार कर दिया गया था लेकिन उसके बाद जब चुनाव हुए तो इंदिरा गाँधी की गिरफ़्तारी"

image sources : youtube

आपातकाल भारतीय लोकतंत्र का जो की दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है ऐसा काला धब्बा है जब डेमोक्रेसी की हत्या करते हुए मानवाधिकारों का उल्लंघन किया था. न खाता न बही जो परिवार कहे वो ही सही का मुहावरा तब से ही चला था इसी के बाद देश ने पहली बार गैर कांग्रेसी पीएम देखा था.

अगर आपातकाल नहीं लगता तो आज तक देश में कांग्रेस की ही सरकार रहती और जितनी भी क्षेत्रीय पार्टिया बनी है वो न बनती. तब कांग्रेस की टक्कर में कोई नहीं था सिर्फ केरल में लेफ्ट पार्टी ही उनसे मुकाबला कर रही थी, लेकिन आपातकाल के दौरान लाखो नसबन्दिया ही सबसे क्रूर कर्म था.

विपक्ष के सभी नेताओ को जेल में डाल दिया गया था मीडिया और प्रेस की आजादी छीन ली गई थी जो खबरे आती वो सरकार द्वारा ही पास की जाती थी. ऐसे भयंकर तानाशाही के बाद जब लोकतंत्र आया तो इंदिरा और संजय गाँधी समेत प्रमुख कैबिनेट मंत्री जेल में डाले गए थे.

लेकिन इसके पहले क्या हुआ और कैसे छूटे वो सभी जाने...

Next Slide में पढ़ें : तो क्या सच में प्लेन हाईजैक जैसे आतंकी तरीके का इस्तेमाल किया था कांग्रेस ने?
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