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"जब हिन्दू जाग जायेगा तो नेता कोट के ऊपर जनेऊ पहनने लगेंगे : वीर सावरकर" अब शायद वो दौर आ गया है क्योंकि कभी सॉफ्ट हिंदुत्व से बिलकुल दूर रहने वाली भारतीय राजनैतिक पार्टिया अब चुनावो के मौसम में खूब मंदिर भ्रमण कर रहे है इसका ताजा उदाहरण पेश किया कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने.
राजस्थान चुनाव के मद्देनजर उन्होंने पहले मो. चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई और फिर पास ही पुष्कर में पूजा की. पूजा के समय जाहिर सी बात है पंडित हर शक्श का गौत्र पूछता है यंहा पर पूछा गया, पहले बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने राहुल गाँधी का गोत्र पूछा था और वेटिकन गोत्र होने का दावा किया था.
राजस्थान में ब्राह्मण वोट प्रतिशत काफी है और बीजेपी को भी जवाब देना था तो राहुल गाँधी ने यंहा अपना गौत्र दत्तात्रेय और सरनेम कौल बताया और विरोधियो का करारा जवाब दिया. लेकिन तब ये हंगामा शुरू हो गया की दत्तात्रेय नाम का कोई गौत्र है ही नहीं तो राहुल का गौत्र क्या?
और जब दादा फ़िरोज़ एक पारसी थे तो राहुल ब्राह्मण कैसे रहे....
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