इंद्र ने धोखे से अगवा कर लिया था कुबेर की पत्नी को, तब भाई विभीषण ने की थी सहायता

"हमारा इतिहास इतना पुराना है की इसे पूरी तरह जानना असंभव है एक इंसान के लिए, इसका टुकड़ो में वर्णन पुराणों में है इसी में से एक नरसिंघ पुराण में लिखा है ये वृतांत"

image sources : dailyhunt

रामायण की मोटामोटी कहानी लगभग सभी भारतीय जानते है लेकिन उसके बाद (राम जी के वैकुण्ठ गमन के बाद) क्या हुआ ये कम हो लोग जानते है. जानेंगे भी कैसे उसके बारे में इतिहास में बहुत ही कम लिखा है और जो लिखा है वो टुकड़े में अलग अलग जगहों पर लिखा है.

जो सब पढ़े उसे तो विश्लेषण समझ आ जाए लेकिन जो सिर्फ टीवी पर ही देखे उसे बहुत कम समझ में आती है रामकहानी. राम जी ने रावण को मार कर लंका पर विषीभण को बैठा दिया और उसे हिदायत दी की मनुष्यो को परेशान न करना इसीलिए आते समय उन्होंने रामसेतु को कई जगहों से तोड़ दिया.

पम्बन से अपना धनुष गिराकर भी उसे पतला कर दिया जिसके चलते उसका नाम धनुष कोड़ी पड़ गया, लेकिन उसके बाद क्या हुआ? गौर हो की हमने पहले ही अनुसन्धान कर ये तय किया है की मलेशिया, इंडोनेशिया थाईलैंड आदि आदि रावण की लंका के ही भाग थे इसीलिए वंहा रामायण प्रचलित है.

लेकिन उसके बाद विभीषण की कोई कहानी सुनी है आपने??

Next Slide में पढ़ें : जाने विभीषण ने कैसे दिलाई अपने भाई कुबेर को उसकी पत्नी वापिस इंद्र से?
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