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हालाँकि एक शोधकर्ता पीए ओक जिनपे भले ही हिंदूवादी होने के आरोप लगे थे पर काफी आरसे पहले अपनी पुस्तक प्रकाशित की थी जिसमे खुलासा किया था की ताज महल असल में परिवर्तित किया गया हिन्दू मंदिर है. इसके बाद में उनके खुलासो के चलते ही इस किताब पर इंदिरा गाँधी ने प्रतिबन्ध लगा दिया गया था.
अब भी इस पर बहस होती रहती है लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से इस विवाद के बारे में पूछा तो उन्होंने asi से पूछा जिन्होंने अपने पूर्व किये गए शोध के आधार पर कह दिया की ये एक मकबरा ही है और कुछ नहीं था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट में asi के इस जवाब के बावजूद इस जवाब पर सवाल उठे.
क्योंकि ASI ने जिस आधार पर जांच की थी वो बहुत पुरानी थी और उसी जाँच के आधार पर उन्होए जो रिपोर्ट थी के आधार पर जवाब दे दिया लेकिन एक अमेरिकी इंजीनियर ने एक ऐसी बात उजागर की जिसके चलते ये विवाद पूर्ण रूप से समाप्त हो जाता और दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता.
इस ईमारत के गर्भ गृह को भी बंद रखा गया है जिसपे भी सवाल उठाये जाते है, जाने रोचक तथ्य...
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