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हिमाचल के एक छोटे से गांव में एक राजपूत परिवार में जन्मी कंगना जैसी अब है वैसी ही बचपन में भी थी, उनके परदारा एक राजनेता थे और एमएलए भी थे और उनके दादा जी एक IAS अफसर थे. उनकी माँ एक हाउसवाइफ थी तो पिता के व्यवसायी थे, बचपन से ही कंगना बागी किस्म की लड़की थी.
उनकी एक बड़ी बहिन और एक छोटा भाई भी है, उनके पिता भाई को जब बन्दुक और उन्हें डॉल लाके देते तो वो उनसे भीड़ जाती थी और बन्दुक ही लेती थी. माता पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे वो बन भी जाती लेकिन केमिस्ट्री का पहला पेपर ही जब खराब हो गया तो उन्होंने बाकि की परीक्षा ही नहीं दी और अपने इरादे बदल दिए और 16 साल की उम्र में दिल्ली आ गई.
दिल्ली में वो कुछ अपना करना चाहती थी लेकिन पिता ने समर्थन नहीं किया तो कंगना ने अपना ध्यान मॉडलिंग की तरफ खिंचा और एक कंपनी ने उन्हें कई करार दिए. लेकिन जब मॉडलिंग में भी काम न बना तो उन्होंने थिएटर ज्वाइन किया और एक्टिंग की तरफ फोकस किया और एक्टर बन गई.
आप यकीन नहीं करेंगे उन दिनों में कंगना अचार ब्रेड खाकर दिन निकालती थी घरवालों से उन्होंने मदद नहीं ली न घरवालों ने ही उसकी सुध ली....
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