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"शीश गंग अर्धांग पार्वती, सदा विराजत कैलाशी..." शिव जी की मानस स्तुति पूजा का ये श्लोक पूरी कैलाश की छटा का वर्णन कर देता है. कैलाश की छटा कैसी अनुपम है इससे सभी वाकिफ है और ये सिर्फ भारतीयों ही नहीं कई देशो में पूजनीय पर्वत है जिसका सभी सम्मान करते है.
कैलास पर्वत अजेय है इस्पे आज तक कोई चढ़ नहीं पाया है और तो और किसी भी देश की सरकार ने इस्पे चढ़ने की भी अनुमति नहीं दी है. कई लोगो ने चढ़ने की कोशिश तो की लेकिन कैलाश के चमत्कार देख कई रास्ते से लौट गए तो कई अपनी जान से हाथ गंवा बैठे.
सूर्य की पहली किरण से ही सोने के रंग मर रंग जाता है कैलास पर्वत तो सर्दियों में इस्पे अपने आप उकरने वाला ॐ भी श्रद्धालुओं के मन को छू लेता है. लेकिन क्या आप जानते है की कोई भी आज तक इस पर्वत पर चाह कर भी नहीं चढ़ पाया है जाने स्कन्द पुराण में लिखा है क्या अद्भुद रहस्य जिससे कैलाश है अजेय.
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