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इंसान के कर्म उसका पीछा नहीं छोड़ते है चाहे वो कितना भी भाग ले उसके कर्म उसके आगे उसका भविष्य बनकर उसके आगे खड़े ही हो जाते है. दिल्ली के एक बनिया परिवार का बेटा एक बंगालन को दिल दे बैठा और घर वालो की मर्जी के खिलाफ उसे ब्याह घर ले आया.
घर वालो को ये बात फूटी आँख नहीं सुहाई और रोज रोज के तानो से परेशां होकर उस शक्श ने पहले दिल्ली और फिर बाद में गोवा छोड़ दिया और फिर अंत में मुंबई में शिफ्ट हो गया. उसकी पत्नी क्लासिकल डांसर थी और डांस छोड़ कर तब घर सम्हाला उनके चार बच्चे हुए.
उन चार में से तीन बहने एक भाई था उनमे से दूसरे नंबर पर थी प्रतिमा जो की आज की मुख्य पात्र है, प्रतिमा ने मॉडलिंग शुरू की और उसके बाद उन्होंने आजादी की वो इबारत लिखी जो अब तक शायद किसी हिंदुस्तानी महिला ने नहीं लिखी थी. उन्ही प्रोतिमा ने टीनएज में ही कबीर बेदी के साथ लिव इन से शुरुवात की रिश्ते की...
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