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टीवी पर प्रसारित रामायणो में कभी TRP के लिए तो कभी राजनितिक दबाव के चलते असल रामायण की कथा के साथ छेड़छाड़ की गई. उसे भर देख कर ही काफी लोगो ने मान लिया की हां ये ही रामायण है और पूरी कहानी इतनी ही है लेकिन उनका ऐसा सोचना गलत है.
किताब उठाकर तो कोई पढ़ना चाहता नहीं है ऐसे में अगर सोशल मीडिया पर कुछ सामग्री मिल जाए तो उसे शेयर भर तो कर देते है जोश में लेकिन असलियत जानने की कोशिश कोई नहीं करता है. वैसे तो 300 अलग अलग रामायण अब तक लिखी जा चुकी है लेकिन मुख्य रामायण तुलसी, वाल्मीकि और पुराणों में जो टुकड़ो में लिखी है वो ही रामायण श्रेष्ठ है.
इन्हे भी पढ़ ले तो आपको काफी जानकारी मिल जाए जिससे आप टीवी पर दिखाई जा रही रामायण में क्या गलत दिखाया जा रहा है बता सकते है. कितने लोग जानते है की वाल्मीकि रामायण के अनुसार अयोध्या का जो वर्णन है उसमे किले की बाहरी दीवारों पर तोपें तैनात थी जिनसे नगर की सुरक्षा की जाती थी.
बोलिये, 17 लाख साल पहले भारत में तोपें इस्तेमाल होती थी! जानिए ऐसी ही कुछ अद्भुद बातें रामायण के बारे में...
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