image sources : wanderlust
वैसे तो अयोध्या में राम मंदिर विवाद बाबर द्वारा तोड़े जाने से ही है लेकिन तब उसकी हुकूमत थी तो कौन जान देकर विरोध करता! अंग्रेजो का राज आया तो (एक इतिहासकार के अनुसार) कुछ मुस्लिमो ने हनुमान गढ़ी मंदिर पर ये कह के धावा बोल दिया के यंहा पहले मस्जिद थी लेकिन हिन्दू लोगो ने उन्हें पिट कर भगा दिया.
हालाँकि उस समय अवध के निजाम के बेटे को कोई बीमारी हुई थी जो की हनुमान गढ़ी मंदिर में पूजा से ठीक हो गई तो उसने निष्पक्ष जाँच करवाई जिसमे मुस्लिमो का दावा झूठा पाया गया था. तब हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी ने मस्जिद के पहले दिवार बना दी और जब उसमे जन्मस्थान बताकर मूर्ति स्थापित करने लगे तो मुस्लिम पक्ष मामला कोर्ट में ले गया.
1949 में जब तक सुनवाई नहीं हुई मस्जिद के अंदर रहस्यमयी ढंग से राम लला विराजमान हो गए और तब दंगे भी हुए थे देश में. बाद में 1985 में फ़ैजाबाद कोर्ट में निर्णय के बाद मस्जिद के दरवाजे तोड़ दिए गए और पूजा आरम्भ हो गई थी लेकिन तब ब्लैक डे घोषित कर मुसलमानो ने देश के कई भागो में दंगे किये.
लेकिन 1985 में मंदिर में पूजा शुरू करने के पीछे एक चमत्कारिक बन्दर का हाथ था...
Next Slide में पढ़ें : जाने उस चमत्कारिक बन्दर (हनुमान) ने कैसे खुलवाया मंदिर का दरवाजा?