जानिए भगवान् शंकर का गोत्र और इसके आलावा उनके बारे में अद्भुद जानकारिया

"जैसे आप और हमारे मन में ये सवाल है की शिव शमशान में क्यों रहते है, क्यों ऐसा भयंकर रूप धारण करके रहते है नंदी की सवारी ही क्यों आदि आदि, ऐसे ही सवाल कभी पार्वती"

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जिनका न आदि है न अंत है वो ही सम्पूर्ण श्रष्टि के कारण है उनसे से जीवन है उन्ही से मृत्यु है सब कुछ निर्गुण हो या सगुण शिव ही है. ऐसे में ये पूछना भी एक पाप है की भगवान् शिव का गौत्र क्या है क्योंकि जिनका नाम ही स्वयंभू (लोकप्रिय नाम शम्भू) है उनके माता पिता कैसे हो सकते है.

असल में हम जैसे मुर्ख ही ये बात सोच सकते है लेकिन हम ही मुर्ख नहीं है ऐसा भी नहीं है क्योंकि पार्वती जी के पिता महाराज हिमालय ने भी शिव जी से ये प्रश्न पूछ लिया था. असल में उन्हें अपनी पुत्री का कन्यादान करना था और उस समय ये सनातन परम्परा रही है की लड़की और लड़के के पिता एक दूसरे के गौत्र के बारे में पूरी जानकारी देते है.

सियाराम विवाह में भी जनक और दशरथ जी ने अपने अपने गोत्र के बारे में पूरी जानकारी शुरू से दी थी जिसका की वाल्मीकि रामायण में वर्णन है. लेकिन हिमालय का ये सवाल सुनकर शिव जी को थोड़ा क्रोध आ गया और ये देख नारद जी हिमालय को एक तरफ ले गए और उन्होंने बताया उन्हें शिव जी का गोत्र.

Next Slide में पढ़ें: जाने शिव जी का गौत्र और उनके बारे में चौंकाने वाली जानकारिया....
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