image sources : youtube
हर वर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा से लेकर आश्विन माह की अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष पुरे हिंदुस्तान में उत्सास से मनाये जाते है! इस दौरान अपने पूर्वजो की मरण तिथि के दिन किसी योग्य ब्राह्मण को आमंत्रित किया जाता है और कौवे, गाय और कुत्ते को भी कगौल खिलाई जाती है.
हमारे इतिहास (धर्म शाश्त्रो) की ऐसी मान्यता है की ऐसा करने से पितृ तृप्त होते है और हर गृहस्थ को ये कर्म करना चाहिए. लेकिन ब्राह्मण गौ, कौवे और गाय को खिलाने से आखिर कैसे तृप्त हो जाते है पितृदेव, आखिर पितृ देव कौन होते है और उनके लिए श्राद्ध की क्या आवश्यकता है?
किस पूर्वज के लिए किये जाए श्राद्ध किसके लिए नहीं, कब करना जरुरी नहीं कब करना अनिवार्य है? असमर्थता की स्तिथि में कैसे करे गरीब अपने पूर्वजो का सम्मान, जाने इसी तरह के श्राद्ध के बारे में सभी प्रश्नो के जवाब के ही स्थान पर हमारे साथ, कुछ संशय रह जाए तो कमेंट कर के पूछे जवाब....
Next Slide में पढ़ें : जाने श्राद्ध और श्राद्ध पक्ष का XYZ....