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18 दिन तक चले महाभारत के युद्ध में 40 लाख से भी ज्यादा योद्धा मारे गए थे जबकि उसके पहले श्री कृष्ण जरासंध के 17 युद्धों में हर एक में करोडो योद्धा मारे गए थे. श्री कृष्ण बलराम ने खुद अरबो यदुवंशियो को मौत के घाट उतार दिया था फिर महाभारत के युद्ध को महा का दर्जा क्यों?
वो इसलिए की ये युद्ध नहीं बल्कि धर्म युद्ध था जिसमे पहली बार भाइयो के खिलाफ भाई और सम्बन्धियों के खिलाफ सम्बन्धी युद्ध कर रहे थे. इसके आलावा युद्ध में सभी नियम तोड़ दिए गए थे और ये युद्ध 13वे दिन से 24 घंटे लड़ा जाने लगा था और तो और शिविरों में भी हमले हुए थे.
इस युद्ध में मुट्ठीभर योद्धा ही ज़िंदा बचे थे (कृष्ण, श्री कृष्ण का मित्र, 5 पांडव, युयुत्सु, कृतवर्मा, अश्वत्थामा कृपाचार्य और कर्ण पुत्र वृषभानु) वो भी बमुश्किल. युद्ध समाप्ति की घोषणा के बाद भी युद्ध चलता रहा और दुर्योधन की मौत का फैसला मल्ल युद्ध से हुआ था इसलिए.
हालाँकि फिर भी आप हम सब युद्ध के नाम से ही कर्ण-अर्जुन के युद्ध को ही यादगार मानते है, लेकिन क्या आप जानते है की मौत से पहले 6 बार अर्जुन के हाथो मारे जाने से बच गया था कर्ण....
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