गणेश चतुर्थी विशेष : पहली बार सती के तो दूसरी बार पार्वती के पुत्र रूप में प्रकट थे भगवान् विष्णु...

"हरी अनंत हरी कथा अनंता...जितना जानोगे उतना ही आश्चर्य में डूब जाओगे और सगुन भक्त होवोगे जो की कृष्ण के गीता प्रवचन के अनुसार सबसे श्रेष्ठ है. जाने गणेशजन्म कथा"

image sources : FestivalofIndia

सुनकर ही शायद आप चौंक गए होंगे क्योंकि अपने भी बाकि सनातनियो के जैसे ब्रह्मा वैवर्त पुराण नहीं पढ़ा होगा, कंही इंटरनेट पर भी ये सच नहीं पाई होगी क्योंकि वंहा भी धर्म धुरंधर कोई नहीं है. जी हाँ असल में भगवान् विष्णु के ही अवतार है भगवान् गणेश, जानना नहीं चाहेंगे पूरी सच्चाई?

सनातन (आदि काल का देवोक्त पंथ) मान्यताओं के अनुसार माता दुर्गा, शंकर, विष्णु, सूर्य और गणेश ये पंच परमेश्वर कहे गए है इनमे से किसी भी एक के प्रति श्रद्धा रखने वाला मनुष्य कभी नरक का मुंह नहीं देखता है. कहने को ये पांच है लेकिन असल में एक ही शक्ति के ये पांच रूप है, जो की एक दूसरे के इष्ट और पूरक है.

सूर्य को ईशान कहते है जो की शिव का नाम है और हिरण्यगर्भ भी कहते है जो की विष्णु जी का नाम है सूर्य ही साकार भगवान् है. शक्ति यानि दुर्गा शिव से अलग नहीं है तो वंही भगवान् एकदन्त गणेश भगवान् विष्णु के ही अवतार है जो की हर कल्प में शिव पार्वती के पुत्र के रूप में अवतार लेते है.

है न जोरदार सिद्धांत हमारे धर्म का, जाने विस्तार से पिछले दो गणेश अवतारों के बारे में....

Next Slide में पढ़ें : वर्तमान के पूर्व जन्म में शनि की दृष्टि से कट के गिर गया था बालक गणेश का सर
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