जयंती जन्माष्ठमी : इस वर्ष की जन्माष्टमी में बन रहे है दुर्लभ मोक्ष के संयोग, जाने रहस्य...

"दो दो जन्माष्ठमी आखिर ये चक्कर क्या है भाई? सिर्फ जन्माष्ठमी ही नहीं भारत में कई बार एक ही त्यौहार भारत में ही दो अलग अलग दिन मनाये जाते है! आप तो दोनों ही मना "

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हम आप तो विदेशियों को देख कर अब बर्थडे मनाने लगे है लेकिन सनातन संस्कृति में हम अपने भगवान् का जन्म दिन असंख्य करोडो वर्षो से मनाते आ रहे है. राम नवमी और कृष्ण जन्मास्ठमी इनमे से प्रमुख है जो की हम हिन्दू कैलेंडर के अनुसार हर शहर गाँव कस्मे में मनाते है.

आज बात करेंगे महत्वपूर्ण कृष्णा जन्माष्ठमी की जो की हर साल वैसे तो भाद्रपद कृष्ण पक्ष अष्टमी को ही मनाई जाती है लेकिन इस बार ये विशेष है. विशेष इसलिए क्योंकि इस बार ये जन्माष्टमी श्री कृष्ण की जयंती वाली जन्म तिथि है जयंती का अर्थ बहुत कम लोग ही जानते है.

जय (शत्रुओ पर विजय) और पुण्य देने वाली तिथि को जयंती कहते है, शाश्त्रो के अनुसार जिस नक्षत्र में भगवान् के अवतार का जन्म हुआ था वो ही नक्षत्र फिर उसी तिथि में आये तो वो तिथि जयंती कहलाती है. इस बार बन रहे है वो ही दुर्लभ संयोग इसके साथ ही सोमवार भी है तो फिर कहना ही क्या!

मोक्ष की गारंटी है ये जन्माष्टमी जाने क्या है पूरी विधि....

Next Slide में पढ़ें :  रोहिणी नक्षत्र की सोमवती जन्माष्टमी को क्या करे ख़ास?
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