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आज के वैज्ञानिको की माने तो काशी यानि वाराणसी दुनिया का सबसे पुराना बसा हुआ शहर है, लेकिन भारतीय शाश्त्रो की माने तो काशी का अस्तित्व अनादि से है. प्रलयकाल में भी काशी नहीं डूबती है और ये शिव जी के त्रिशूल की नोक पर विधमान रहती है और फिर कल्प के आदि मर प्रकट हो जाती है.
शिव की ये रहस्यमयी नगरी ऐसी है की यंहा लोग मरने के लिए तरसते है, लोग तो यंहा दूर दूर से मरने के लिए भी आते है जिसके लिए यंहा बाकायदा पेइंग गेस्ट की तर्ज पर मौत घर भी बने हुए है. मरणासन परिवार के लोगो को लोग यंहा लेकर आते है जो की मरने के बाद मोक्ष पाते है.
यंहा अगर पापी भी मरे तो वो पिशाच होकर शिव गण बनता है और फिर कालांतर में उसको भी मोक्ष मिल जाता है, ऐसा महात्यम है काशी का. भारत में रहकर एक भारतीय होकर भी क्या आप जानते है काशी का असली नाम? शायद नहीं तो ये ब्लॉग आपके विशेष काम का है...
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