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मौत से पहले मौत आ जाए तो उस बात को सोच कर ही आप डर जाते है, लेकिन क्या मौत के भय से पार पाया जा सकता है? मौत तो एक सार्वभौमिक सत्य है जिसे कोई टाल नहीं सकता है लेकिन मौत का खौफ्फ़ तो कम ही किया जा सकता है जिसके लिए आपको मौत के पहले और मौत के बाद का रहस्य समझना होगा.
आम तौर पर हर पंथ के लोगो के मृत शरीरो का अंतिम क्रिया क्रम किया जाता है जो की सबका अलग अलग है लेकिन क्या किसी धर्म में जीवित रहते ही ऐसा करने की बात आपने सुनी है? जी हाँ, एक ऐसा भी देश है जंहा जीवित लोगो का ही क्रिया क्रम कर दिया जाता है.
ये देश है दक्षिण कोरिया जंहा की जीवित रहते ही आप अपना क्रियाक्रम करवा सकते है लेकिन वंहा आत्महत्या एक अपराध है. असल में ये काम एक मकसद के तौर पर किया जाता है, इसके पीछे एक सकारात्मक सोच है और इसी के चलते अब तक हजारो लोग अपने जीवित रहते ही अपनी अंतिम क्रिया करवा चुके है.
जाने आखिर क्या है ये परंपरा....
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दक्षिण कोरिया के सियोल शर्म में एक केंद्र है जो की जीवित लोगो के अंतिम संस्कार का आयोजन करवाता है, इस दौरान उन्हें पहले आध्यात्मिक ज्ञान का प्रवचन किया जाता है. उन्हें वीडियो के डेमो द्वारा समझाया जाता है और फिर उन्हें एक अलग कमरे में ले जाते है जंहा उनसे वसीयत लिखवाई जाती है.
उसके बाद उन लोगो को एक ताबूत में (सब को अलग अलग) 10 मिनट के लिए बंद कर दिया जाता है और दस मिनट के बाद इसे खोल दिया जाता है. ऐसा माना जाता है की ऐसा करवाने से उन लोगो के मन से मौत का खौफ्फ़ चला जाता है या कम हो जाता है.
इस प्रक्रिया में शामिल होने वाले ज्यादातर लोग किसी न किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित होते है जिन्हे इस जरिये मौत के लिए मानसिक रूप से परिपक्व बना दिया जाता है. ऐसे लोगो में अमूमन आत्महत्या के प्रयास भी बढ़ जाते है लेकिन जीते जी अंतिम संस्कार क्रिया करवाने से वो काफी मजबूत हो जाते है.