बुराड़ी काण्ड : तो क्या प्रेत को पितृ समझ कर अंधविश्वास के चलते परिवार ने की सामूहिक आत्महत्या?

"पाकिस्तान में परंपरा के नाम पर कुछ लड़कियों का निकाह मुस्लिमों के पवित्र ग्रंथ कुरान से करवा दिया जाता है। इस परंपरा को हक बख्शीश कहा जाता है, जिसका मतलब होता है"

image sources : indiadivine

दिल्ली, बुराड़ी इलाके में एक घर में एक ही परिवार के 11 सदस्यों के शव मिले तो तहलका मच गया, अब भी पुलिस मौत की गुत्थी सुलझाने में लगी है लेकिन अब तक पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगे है. लेकिन घर से जब कुछ रजिस्टर बरामद हुए जिसमे सामूहिक आत्महत्या की पटकथा समझ आ रही है तो पुलिस किसी नतीजे पर पहुँचने ही वाली है ऐसा लगता है.

रजिस्टर में जो भी लिखा हुआ सामने आया वो मीडिया में भी सार्वजनिक हुआ जिसकी माने तो परिवार के सभी सदस्यों में से एक व्यक्ति पर प्रेतबाधा हावी थी. उस व्यक्ति में परिवार के किसी मृत सदस्य की आत्मा आती थी जो की घरवालों को आदेश देती थी जिसे इन रजिस्टर में लिख दिया जाता था.

हालाँकि मीडिया इस घटना को "मोक्ष"की प्राप्ति का प्रयास बता रहा है लेकिन असल में ये प्रेत-मुक्ति का प्रयास था जिसका खामियाजा पुरे परिवार को जान देकर चुकाना पड़ा. मतलब परिवार के कुछ पूर्वजो को जो की मर कर भूत बन गए थे को इस घटनाक्रम से प्रेतत्व से मुक्ति दिलाने का प्रयास किया था घरवालों ने लेकिन वो सच से अनजान थे.

तो क्या असल में किसी प्रेत ने ही घरवालों के अंधविश्वास का फायदा उठाकर उन्हें बना लिया मौत का ग्रास...

Next Slide में पढ़ें : तो क्या प्रेत को पितृ समझ कर अनजाने में परिवार ने की आत्महत्या?
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