त्रिकूट पर्वत पर बसी थी लंका, संभव है जकार्ता (यवद्वीप) सुमात्रा (स्वर्णद्वीप) भी रहे हो रावण के राज्य का हिस्सा!

"सुबेल, निल और सुन्दर पर्वत श्रृंखला इन तीनो पर रावण की प्रजा रहती थी जिसमे से सुन्दर पर्वत पर अशोकवाटिका थी जंहा सीता कैद थी तो सुबेल पर लंका थी निल पर हुआ था "

image sources : googlemapsnapshot

हालही में देश के प्रधानमंत्री मोदी जी इंडोनेशिया गए थे, वंहा उनका भव्य स्वागत हुआ था इस दौरान उन्होंने रामायण फेस्टिवल भी देखा था और मस्जिद भी. इंडोनेशिया में कई हिन्दू मंदिर आज भी विरासत के तौर पर सहेजे गए है, इंडोनेशिया रामायण को अपनी संस्कृति का हिस्सा मानता है.

इंडोनेशिया की राष्ट्रिय एयरलाइन्स का नाम "गरुड़" है, वंहा के नोट पर भगवान् गणेश की फोटो लगी है जो की उनके सेकुलरिज्म का प्रतिक है. ऐसे ही सिंगापूर चीन मलेशिया में भी रामायण एक अहम सांस्कृतिक धरोहर है, ऐसे में सवाल ये उठता है की मुस्लिम देशो में ऐसा कैसे हो गया.

वंही श्रीलंका में आज भी रामायण के बेहद दिलचस्प और प्रामाणिक साक्ष्य मौजूद है, ये तो सर्वमान्य सत्य है की रामायण की लंका श्रीलंका में ही बनी थी और वंहा पर ऐसे चिन्ह होना आश्चर्य की बात नहीं लेकिन इंडोनेशिया सिंगापूर मलेशिया, सुमात्रा और जकार्ता जैसे देशो में रामायण का ऐसा प्रचार कैसे हो गया?

आज जाने वाल्मीकि रामायण, तुलसी कृत रामायण और आधुनिक इतिहास के मेल से ऐसे फैक्ट जो आपको चौंका देंगे...

Next Slide में पढ़ें : तो क्या मलेशिया और इंडोनेशिया भी थे रावण के राज्य के अंग?
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