अग्नि में जल रहे हो या शत्रुओ से घिर गए हो जपिये मार्कण्डेय रचित ये मन्त्र, मृत्यु छूकर निकल जाएगी

"नासा के वैज्ञानिको ने भी माना है की पृथ्वी को संचालित करने के लिए आकाश से एक ध्वनि आती है जो है ॐ, जब वैज्ञानिक मान रहे है तो हिन्दू क्यों पीछे रहे, जाने ऐसा..."

image sources: sadhaguru

मार्कण्डेय ने मौत को जितने के लिए मृत्युंजय मन्त्र का जप किया था ये सभी को पता है लेकिन असल में उन्होंने किसी और ही कारण से जीता था मृत्यु को. अभी तक लोगो को मृत्युंजय मन्त्र कौन सा है वो ही नहीं पता होगा, शायद आप भो ॐ त्रयम्बकं ..... को ही वो मन्त्र समझते होंगे लेकिन असल में ये मन्त्र वो नहीं जो मार्कण्डेय ने जपा था.

अगर आपके पास इस मन्त्र की सीडी है तो उसमे वो मन्त्र आता है जिसे कम ही लोग जानते है जिसे जाहिर करना शास्त्र विरोधी बात है खुद ही शिव पुराण पढ़ के समझे उस असली मन्त्र को. मार्कण्डेय असल में जान गए थे की मृत्यु का समय कब है और उस समय वो पूजा करने लगे जो बिच में थी.

यमराज आने पर उन्होंने प्रार्थना की के मेरी पूजा पूरी होने दो लेकिन यमराज नहीं माने और उन्होंने अपना यम पाश फेंका जो की शिवलिंग से लिपट गया. उससे पहले ब्राह्मण रूप में शिव आकर यमराज को समझा रहे थे लेकिन जब उसने पाश फेंका तो शिव क्रोधित हुए और मार्कण्डेय को बना लिया अपना अमर भक्त.

उन्ही मार्कण्डेय ने तब रचना की कई पुराणों जी जिसमे लिखे है चमत्कारिक मन्त्र...

Next Slide में पढ़ें : अग्नि में जल रहे हो या शत्रुओ से घिरे हो तो दोहराये ये मन्त्र और होगा चमत्कार...
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