Democracy : नाबालिकों का शादी से पहले पवित्रता खोना गैर क़ानूनी नहीं, लेकिन शादी है गैर क़ानूनी...

"ऐसे बहुत से कानून है जो की है लेकिन उनका मतलब नहीं है और कुछ ऐसे है जिनका मतलब है लेकिन आम इंसानो को इसके बारे में मालूम नहीं है. कुछ ऐसे भी कानून है जिनके बारे"

image sources: istockphotos.com

आजादी से पहले अंग्रेजो ने देश के लिए कानून बनाया बाद की सरकारों ने संविधान बनाया, लेकिन वक्त के साथ कुछ कानून पुराने/गैर जरुरी हो गए. मोदी सरकार ने 1304 ऐसे कानूनों को पिछले चार सालो के कार्यकाल में ख़त्म कर दिया. ऐसे बहुत से कानून है जो की है.

साथ ही कुछ ऐसे ही कानूनों के बारे में जाने जो की असल में है तो लेकिन उनके होने का लोगो को एहसास ही नहीं है, साथ ही कुछ ऐसे भी कानून है जिनके बारे में जानकार आप को आश्चर्य होगा. कुछ कानूनों के बारे में आपको सोशल मीडिया से पता चलता होगा जैसे की "ट्रैफिक हवलदार आपकी गाडी की चाबी नहीं निकाल सकता..."

ऐसा ही एक कानून ये है की शादी से पहले नाबालिक होने पर भी लड़की और लड़के का सहमति से समागम गैर क़ानूनी नहीं है, जबकि नाबालिकों की शादी गैर क़ानूनी है. मतलब सरकार ने विवाह की आयु सीमा तो बढ़ा दी लेकिन अगर वो 18 से पहले बच्चा पैदा करना क़ानूनी अपराध घोषित करती तो भी ये समस्या नहीं रहती थी.

जबकि सच ये है की भारतीय शहरों में औसतन 14-15 साल की आयु में टीनएजर्स अपनी पवित्रता खो देते है...  

Next Slide में पढ़ें : जाने ऐसे ही कुछ अटपटे भारतीय कानूनों को .....
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