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सोशल मीडिया पर और टीवी पर होने वाली पोलिटिकल डिबेट पर आने वामपंथियों को ये कहते सुना होगा की भगत सिंह नास्तिक थे, साथ ही सोशल मीडिया में भगवा समर्थको द्वारा अपने गाँधी जी को मुस्लिमन परास्त कहते भी सुना होगा! लेकिन क्या आप जानते है इन दोनों के ही पीछे हक़ीक़त क्या है?
आपको जानकर हैरानी होगी की दोनों ही बातें सत्य तो है लेकिन अर्ध सत्य, मतलब सच भी है लेकिन पूरा सच छुपाया गया है इतिहास से. भगत सिंह और उनके साथियो से नेहरू जी मिलने गए थे ऐसा एक पुराने अखबार में खबर छपी थी, लेकिन हालही में चुनावो में मोदी ने इसका खंडन कर विवाद खड़ा कर दिया.
ये भी सच है की कांग्रेस आधी अधूरी आजादी लेने वाली थी जिसपर देश में अंग्रेजो का ही आधा राज्य होता लेकिन भगत सिंह ने जब पूर्ण स्वराज का नारा दिया तो नेहरू ने इसे अपना कर कांग्रेस अधिवेशन में इसे बोलै जिसे युवाओ का समर्थन मिला और नेहरू कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बन गए.
लेकिन ये भी सच है की भगत सिंह जेल में धार्मिक नहीं पढ़ते थे विदेशी लेखकों की किताबे
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