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जब से बीजेपी की सरकार आई है तब से जब भी बॉलीवुड किसी मुद्दे पर प्रोटेस्ट करता है तो उनपे सेलेक्टिव होने का आरोप लगता है. किसी भी बलात्कार पीड़ित (चाहे वो मर भी जाए) की पहचान (नाम और तस्वीर) सार्वजनिक नहीं की जा सकती है लेकिन उन्होंने खुल कर उस लड़की का नाम और फोटो बता बता कर प्रोटेस्ट किया.
जब हाई कोर्ट ने मीडिया हाउसेस को भी लताड़ लगाई तो उन्होंने भी प्रोटेस्ट वापस ले लिया ये ही हमारा आज का मुद्दा है! फिल्मे समाज का आईना होती है ऐसा कभी कहा जाता था लेकिन अब समाज फिल्मो से सिख रहा है न की फिल्मे समाज से, फिल्मो में बढ़ती अश्लीलता के चलते ही समाज का स्तर गिरा है.
आजादी के पहले भारत में या तो धार्मिक फिल्मे बनती थी या फिर अंग्रेजो के मनोरंजन के लिए, अंग्रेजो के लिए बनी फिल्मो में जबरदस्त बोल्ड दृश्य होते थे. देविका रानी ने भले ही अपने पति के साथ किया था लेकिन कई मिंटो लम्बा लिपलॉक किया था जो की आज तक की बॉलीवुड हिस्ट्री का सबसे लम्बा किस है.
लेकिन आजादी के बाद नया कानून बना और किसिंग दृश्यों पर बेन लग गया...
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