1946 में हिन्दुओ ने नहीं मनाई गई थी दिवाली, जाने कैसे अंग्रेज हुए थे राजी पूर्ण स्वराज के लिए...

"हमने जब भी स्कूलों में इतिहास पढ़ा तो गरम दल के जो स्वतंत्रता सेनानी थे उनके बारे में शायद नहीं पढ़ा या कम पढ़ा जबकि कांग्रेस के बारे में खूब पढ़ा लेकिन वर्ल्डवार 2"

image sources: songsofyore

आज के समय में दिवाली एक खर्च का मौका बन गया है लेकिन जब दिल्ली में कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर बेन लगाया तो सोशल मीडिया पर खूब गुस्सा फूटा. हालाँकि दिवाली से ही सिर्फ पोल्लुशण नहीं होता दिल्ली में इसके बहुत से और कारण है लेकिन लोगो ने जमकर लताड़ लगाई कोर्ट में अपील करने वालो को.

दिवाली कैसे मनाई जाए ये फैसला आस्था से जुड़ा है और लोग स्वैच्छा से फैसला लेने में स्वतंत्र है लेकिन कोई अगर अजीब मानसिकता थोपे तो वो बर्दाश्त नहीं होती लोगो को. लेकिन क्या आप जानते है की एक दिन ऐसा भी आया था जब पुरे भारत में दिवाली नहीं मनाई गई थी.

राजनितिक स्वार्थ के चलते ही ऐसा गौरवशाली इतिहास छुपाया गया है की जिसे जानकार आपकी आंखे नम हो जाएगी. 1946 की वो घटना जानकार आपके दिल में भी ये ख्याल जरूर आएगा की भारत भावनाओ का देश है और भावनाओ से ही इसे जीता जा सकता है दल बल से नहीं.

जाने 1946 की वो दिवाली जिसके चलते ही देश को मिली थी आजादी.....

Next Slide में पढ़ें: दूसरा विश्वयुद्द नहीं हुआ होता तो शायद भारत आजाद भी न होता....
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