image sources: wordpress
रामायण और महाभारत दो ऐसे ग्रन्थ है जो की भारत की आत्मा है, लेकिन आपमें से कितनो ने इसे पढ़ा है. हालाँकि हिंदी वर्जन में उपलब्ध है लेकिन सेकुलरो ने ऐसी अफवाहे फैलाई के लोग इन्हे घर में रखने से भी हिचकिचाते है, महाभारत को घर में रखने से कलह होती है पुराणों को मंदिर में रखना चाहिए फ्ला फ्ला.
पहले वेद थे जो संस्कृत में थे, उनका व्यास हुआ और चार वेद बनाये वेदव्यास जी ने बाद में उनका भी व्यास कर पुराण और उपनिषद बनाये लेकिन तब भी लोग आज नहीं पढ़ते है. अब तो हिंदी में भी उपलब्ध है और गीता प्रेस जैसी संस्थाए लागत मूल्य पर बेच रही है तो भी नहीं पढ़ते लोग.
अगर पढ़ते तो इस पोस्ट पर क्लीक नहीं करते, बहुत कम लोगो को उतना ही पता होता है जितना टीवी पर दिखाया गया था लेकिन सच काफी गंभीर था. ऐसी ही कुछ बातें कही थी दुर्योधन ने उस दौरान जब होने ही वाला था द्रौपदी का चिरहरण उस घटनाक्रम में ही छुपा है पूरा वेदार्थ.
जाने आखिर भीम ने क्यों नहीं बचाई इतना कहकर द्रौपदी की आबरू....?
Next Slide में पढ़ें: क्यों भीम अर्जुन ने ऐसा नहीं किया?