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पद्मश्री और पद्मभूषण नसीरूदीन शाह उत्तरप्रदेश के बाराबांकी के मूलनिवासी है, उनके पूर्वज अंग्रेजो की सेना में अधिकारी थे जिन्होंने अंग्रेजो की अफ़ग़ान फ़तेह और 1857 की क्रांति के दमन में अहम भूमिका निभाई थी. नासिर के बड़े भाई इंडियन आर्मी में Lt जनरल थे जो बाद में अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के चांसलर बने थे.
ऊपर उनके पुरे परिवार की तस्वीर है जो की एक परफेक्ट फॅमिली लग रही है लेकिन जितनी सरल ये तस्वीर लग रही है उतनी है नहीं. उनकी जिंदगी हालाँकि अब सहज लगती है लेकिन इसमें शुरुवात में इतनी पेचीदगियां थी के उन्हें उनका मलाल जिंदगी भर रहेगा.
सनातक पूरी करने से पहले ही उन्हें एक तलाक शुदा दो बच्चो की औरत से प्यार हो गया और घरवालों की मर्जी के खिलाफ उन्होंने निकाह कर लिया. 19 साल की उम्र में जब वो इतने परिपक्व नहीं थे की अपने जिंदगी के फैसले ले सके उन्होंने ये फैसला लिया और एक ही साल में उन्हें वो भारी पड़ गया.
शादी के बाद ही उन्हें फिर प्यार हो गया लेकिन..
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