श्री कृष्ण बने थे पटवर्धन, लेकिन असल में विदुर जी ने बचाई थी द्रौपदी की इज्जत.....

"महाभारत तो सभी ने देखि ही है जो की टूटी फूटी कहानी दर्शाती है, श्री कृष्ण द्वारा द्रौपदी का चिर हरण बचाया जाना तो देखा सबने लेकिन फिर क्यों रुक गया अत्याचार????"

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वर्तमान भारत में जीवित पूरी जनसँख्या में से लगभग 70% ने टीवी की महाभारत देखि है ऐसा हमारा अंदेशा है, इसके रचयिता महर्षि वेदव्यास जी जो की भगवान् विष्णु के अंशावतार (कुल 24) थे. उन्होंने अपने इस ग्रन्थ के बारे में कहा है की ये 4 वेदो से भी बढ़कर है, क्योंकि ये वैज्ञानिक है.

अगर किसी बात को समझना है तो उसको अगर स्वतः कर के देखे (प्रैक्टिकल या डेमो) तो वो जल्द समझ में आती है, ऐसे ही वेद संक्षेप में है उन्हें समझना है तो महाभारत पढ़े जिसमे प्रैक्टिकल में समझाया गया है शास्त्रों को. महाभारत का असली नाम भरत संहिता (शकुंतला पुत्र भरत के वंश पर) जिस पर हमारे देश का नाम भी पड़ा है.

लेकिन टीवी पर जो कहानी दिखाई गई है वो तोड़ मरोड़ कर TRP के लिए एडजस्ट की गई है, असली कहानी को अगर जानना है तो आपको महाभारत पढ़नी ही होगी. दृष्टांत के लिए आप बताये की भरी सभा में द्रौपदी को नग्न किया जा रहा था वो सफल नहीं हुआ तो बाद में प्रयास क्यों नहीं हुआ, क्यों रोक दिया गया उसका अपमान.

जाने कृष्ण बने थे पटवर्धन (चिर बढ़ाने वाले) लेकिन असल में विदुर ने रोका था द्रौपदी का अपमान...

Next Slide में पढ़ें : चिर हरण सफल न हुआ तो करण ने दुशासन से कहा था द्रौपदी को....
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