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दुनिया में जितने देश है उसमे सबसे ज्यादा भावुक भारतीय ही है इसलिए जो उनकी भावनाओ का सम्मान और वक्त की नजाकत समझ ले वो हवाओ का रुख मोड़ सकता है. ऐसा ही कुछ किया था मोहन दास करम चाँद गांधी ने और दिला दी थी भारत को अंग्रेजो से आजादी.
हालाँकि ऐसा नहीं है की सिर्फ उन्होंने ही कोई पहाड़ तोडा हो लेकिन अगर एक इशारे पर करोडो की भीड़ उमड़ जाए तो अच्छे अच्छा के सिंघासन डोलने लगते है. 1888 में वो विलायत में पढ़ाई करते थे और तब सूट बूट पहने घुमा करते थे लेकिन जब उन्हें हिंदुस्तानी होने के चलते ट्रैन से फेंका गया तो उन्हें समझ आया आजादी का मतलब.
अफ्रीका में भी रंगभेद के खिलाफ उनके आवाज उठाने के पीछे भी ये ही वजह थी अनंत वो भारत आये और कूद पड़े स्वतंत्रता संग्राम में. इंग्लैंड में पढाई से साउथ इंडिया में सिर्फ धोती पहनने का सफर भी काफी आकर्षक था एक एक करके वो अपने पहनावे से दूर हो गए थे.
इनका कारण स्तर दर स्तर जान चौंक जायेंगे आप....
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