चेन्नई का दिलीप शेखर आखिर कैसे बना अल्लाह रक्खा रेहमान, जाने पूरी स्टोरी?

"उनके पिता का नाम RK शेखर था जो की साउथ फिल्मो में स्कोर कंपोजर थे जिसमे दिलीप उनकी मदद करते थे, लेकिन 9 साल की उम्र में जब बाप ने दम तोडा तो माँ कस्तूरी ने घर"

image sources: indiatimes

धर्मपरिवर्तन वाले पहलु से अगर न सोचे तो उनकी कहानी एक ऐसे चरित्र की है जिसने हर उस बाधा को पार किया जो एक साधारण इंसान के वश की नहीं थी. हो सकता है कोई इसे किस्मत कहे लेकिन पूरी कहानी जान्ने के बाद शर्तिया आपका नजरिया बदल जायेगा.

पचास वर्ष ऐ आर रेहमान (अल्लाह रक्खा रेहमान) आज किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है, भारत ही नहीं दुनिया में उनके संगीत की तूती बोलती है. अवार्ड्स की अगर बात करे तो 2 अकादमी, 2 ग्रैमी, एक बाफ्टा के आलावा ऑस्कर भी जित चुके है इसके आलावा 15 हिंदी और 16 साउथ फिल्मफेर भी जित चुके है रेहमान.

वैसे उनका फ़िल्मी सफर तमिल फिल्म रोज़ा (1990) से शुरू हुआ और उसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ के नहीं देखा, अब वो भारतीय ही नहीं विदेशी फिल्मो और थिएटर's के साथ काम कर रहे है! हालही में उन्होंने ले मुस्क नाम की फिल्म का निर्देशन भी किया है जिस की पटकथा उनकी पत्नी और उन्होंने लिखी है.

जाने उनके जीवन के कुछ अनसुने राज, कैसे 23 वर्षीय दिलीप शेखर बन गया अल्लाह रक्खा जब बहिन हुई बीमार....???

Next Slide में पढ़ें: 1989 में परिवार समेत इस्लाम काबुल लिया था दिलीप ने, जाने कारण... 
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