image sources: haribhakt
महाभारत का युद्ध शुरू होने से पहले अर्जुन ने जब अपने सामने भीष्म और द्रौणाचार्य को देखा तो वो मोहित हो गया और उसने अपना धनुष निचे रख दिया. तब अर्जुन से स्पष्ट कह दिया था कृष्ण से की वो युद्ध नहीं करेगा, ऐसे में कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया जिससे उसका मोह भंग हुआ.
लेकिन अकेला अर्जुन ही मोहित नहीं हुआ था इस समर में, पितामह भीष्म और द्रौणाचार्य भी हुए थे मोहित, दोनों ने ही प्रतिज्ञा ली थी की वो पांडवो को युद्ध में अपने हाथो से नहीं मारेंगे. बिना पांडवो की मौत के युद्ध जितना असम्भव था ये जानते हुए भी दुर्योधन (असली नाम सुयोधन) ने क्यों बनाया पितामह को सेनापति?
Next Slide में पढ़ें: जाने क्यों फिर दुर्योधन ने बनाया पहले भीष्म और फिर द्रौण को सेनापति?